best hindi story for Dummies
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As opposed to throwing them to the junkyard we have to learn how we will repair, reuse and recycle our factors in order to cut down …
जैसे ही उसने पिंजरा खोला, बाघ उस आदमी पर झपट पड़ा। भूखे बाघ ने ब्राह्मण को खाने से पहले तीन सवाल पूछने का मौका दिया। ब्राह्मण ने एक सवाल पीपल के पेड़ से, एक भैंस से और आखिरी सवाल सड़क से पूछा। सभी उत्तरों से निराश होकर वह वापस जा रहा था। तभी उसकी मुलाकात एक सियार से हुई। जानिए कैसे चतुर सियार ने ब्राह्मण को भूखे बाघ से बचाने के लिए बाघ के सामने गूंगे और मूर्खों वाला काम किया।
बहुत पहले की बात है, खासी जन समूह में कानन नाम की एक खूबसूरत लड़की थी। एक बार एक बाघ ने उसे पकड़ लिया और गुफा में ले गया। जब भूखे बाघ ने लड़की को देखा, तो उसने महसूस किया कि वह लड़की उसकी भूख को संतुष्ट करने के लिए बहुत छोटी है। इसलिए उसने उसे बड़े होने तक कुछ समय के लिए रखने का फैसला किया।
(एक) जब तक गाड़ी नहीं चली थी, बलराज जैसे नशे में था। यह शोर-गुल से भरी दुनिया उसे एक निरर्थक तमाशे के समान जान पड़ती थी। प्रकृति उस दिन उग्र रूप धारण किए हुए थी। लाहौर का स्टेशन। रात के साढ़े नौ बजे। कराची एक्सप्रेस जिस प्लेटफ़ार्म पर खड़ी थी, वहाँ चन्द्रगुप्त विद्यालंकार
सिंहराज उसके लिए शिकार करता और भोजन ला कर देता।
पिंटू उसे अपने सूंढ़ से ऊपर खींचने की कोशिश करता। मगर उसकी कोशिश नाकाम रहती।
सियार किसान के घर गया और उसे अगले दिन सुबह कही चलने को तैयार रहने को कहा। अगले दिन सुबह, किसान और सियार राजमहल की तरफ निकल पड़े। राजमहल के पास पहुँच कर किसान घबरा गया। उसे लगा सियार राजा से कह कर उसे सज़ा दिलवाएगा। डरते डरते किसान महल के अंदर गया। राजा किसान को देखते ही खुश हो गया। पर किसान दर के मारे काँप रहा था। तब राजा ने किसान को बताया की उसने किसान को सज़ा देने के लिए नहीं बल्कि उसे नौकरी देने के लिए बुलाया था। अब किसान की जान में जान आयी। राजा ने किसान को अपने पास नौकरी पर रख लिया और उसकी साड़ी गरीबी दूर कर दी।
आंचलिक भाषा के आधुनिक कथा-स्थापत्य में संयोजन और प्रयोग ने इस कहानी को विरल होने का दर्जा दिया है.
मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।
घसीटते -घसीटते वह अपने घर पहुंच गई। उसके मम्मी – पापा और भाई-बहनों ने देखा तो वह भी दौड़कर आ गए। टॉफी click here उठाकर अपने घर के अंदर ले गए।
(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी
Graphic: Courtesy Amazon A really like story influenced with the Sikh riots of 1984, this Hindi fiction ebook is about its protagonist Rishi, who results in being a rioter himself while preserving a Sikh family members from riots. To understand how really like survives and trumps most complicated cases, 1 has to function from love from the core of his staying. The story commences with how Rishi, an orphan, and his landlord Mr. Chhabra’s daughter Manu.
वह इतना सुधर गया था , गली में निकलने वालों को परेशान भी नहीं करता।
एक दिन की बात है मोती बाजार से सामान लेकर लौट रहा था।